नूंह हिंसा के वो चार घंटे: कोई पीटा गया तो कोई लूटा, मदद मांगते रहे लोग…पर नहीं उठे फोन

0
199

हरियाणा। हरियाणा में सोमवार को नूंह में हुए उपद्रव के चार घंटे लोगों ने दहशत के साये में काटे। बेबस व लाचार लोग पुलिस-फोर्स के आने की बांट जोहते रहे, लेकिन पुलिस ने आते-आते तीन से चार घंटे लगा दिए। इस दौरान उपद्रवी बेखौफ होकर एक के बाद एक वारदात को अंजाम देते रहे। किसी को पीटा गया तो किसी को लूटा गया। जगह-जगह फूंकते हुए वाहनों के धुएं के गुबार को देखकर शहर में रह रहे लोगों ने अपने-अपने घर के खिड़की दरवाजे तक बंद कर लिए। 

हर किसी की जबान पर एक ही वाक्य था कि अब आएगी पुलिस। इतना ही नहीं शहर के कुछ लोग पुलिस को और प्रशासनिक अधिकारियों को फोन करने में लगे रहे, लेकिन अधिकांश फोन उठे ही नहीं। फोन से लोग एक-दूसरे को जल्द पुलिस-फोर्स आने की बात कहकर ढांढस बंधा रहे थे। तरह-तरह की अफवाह लोगों को और बैचेन कर रही थी। उपद्रवियों के सामने मुट्ठी भर पुलिस बेबस व लाचार नजर आ रही थी। उपद्रवियों ने एक इंस्पेक्टर के पेट में गोली मार दी तो कइयों को बुरी तरह से चोटिल कर दिया गया।

लोगों का सवाल था कि गुरुग्राम, पलवल से नूंह की दूरी 32 से 40 किलोमीटर है, लेकिन पुलिस को आने में चार घंटे कैसे लग गए। रेवाड़ी, फरीदाबाद की दूरी ज्यादा है तो वहां से दो घंटे लगते हैं, लेकिन चार घंटे में पुलिस पहुंची, यह सबकी समझ से बाहर है। शहर के लोगों का कहना है कि चार घंटे उनके लिए इतने भारी रहे हैं कि जिसे बयां नहीं किया जा सकता। उन्हें परिवारों की सुरक्षा को लेकर ज्यादा चिंता रही। इसमें कहीं न कहीं सरकार व प्रशासन की ढील रही है। जिससे लोगों में रोष है।

ऐसे नूंह में हिंसा को दी गई हवा
हरियाणा के नूंह में सोमवार को विश्व हिंदू परिषद, मातृ शक्ति दुर्गा वाहिनी और बजरंग दल द्वारा निकाली गई ब्रजमंडल 84 कोस शोभा यात्रा के दौरान दो पक्षों के बीच बवाल हो गया था। जैसे ही नूंह के नल्हड़ स्थित नलहेश्वर महादेव मंदिर से यात्रा शुरू हुई, वैसे ही पथराव और नारेबाजी की गई थी। यात्रा में शामिल लोगों के साथ ही पुलिसकर्मियों पर भी पथराव किया गया था। इस बीच बलवाइयों ने आगजनी कर दी थी। कई वाहनों में तोड़फोड़ कर उन्हें आग के हवाले कर दिया था। दोपहर से लेकर शाम तक चले बवाल में करीब 24 लोग घायल हुए थे। सभी को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here