आर पी पी न्यूज़- झलोंन/तेंदूखेड़ा, मध्यप्रदेश। ग्राम ससना कला में गोंडवाना साम्राज्य की अमर वीरांगना महारानी दुर्गावती जी का जन्म उत्सव धूमधाम से मनाया गया गोंड समाज महासभा जिला कमेटी युवा प्रकोष्ठ, महिला प्रकोष्ठ के तत्वाधान में रानी दुर्गावती जी की झांकी बैंड बाजा के साथ घोड़े पर निकाली गई एवं समाज को नई दिशा देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह झांकी गांव के मुख्य मार्गों से होते हुए पुनः कार्यक्रम स्थल पर पहुंची। रैली का जगह जगह फूल मालाओं से स्वागत ग्रामीणों ने किया। साथ ही दमोह जिले के अलावा सागर जबलपुर के सगा समाज उपस्थिति रही गोंड समाज के अलावा सभी सामाज के बुद्धिजीवियों ने इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दी एवं रानी दुर्गावती के यश गान का वर्णन किया
कार्यक्रम की अध्यक्षता तिरुमय श्यामा उरेती अतिथि खड़क सिंह मंडी अध्यक्ष, राजा गुलाब सिंह जूदेव गुबरा, गोंडसमाज महासभा दमोह जिला अध्यक्ष के एस उरेती, युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष ठा. अनरत सिंह ऐडाली, सचिव महेंद्र सिंह मरकाम, भाव सिंह लोधी , पूर्व विधायक प्रताप सिंह, जिला पंचायत सदस्य, राघवेंद्र सिंह ऋषि भैया, जानकी प्रसाद मरावी, संतोष राव साहब, राजेंद्र सरुते , राजेंद्र राजाराम चंद्रभान सिंह मोहन सिंह द्वारका संदीप निक्की जाहर मोहिनी ठाकुर सरपंच, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अनीता सिंह जिला पंचायत उपाध्यक्ष कौशल्या मेवार, अंजलि धुर्वे महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष कलावती इरकिरा उपाध्यक्ष गोपा ऐडाली, कल्पना मरावी प्रीति आरती भूमिका संघ बृजेश परस्ते प्रकाश सिंह धुर्वे।
वक्ताओं के साथ ही बीच बीच में सांस्कृतिक नृत्य कार्यक्रम भी हुए। जिसमें दमोह से नन्ही बालिकाओं आशी ऐडाली नंदा मरावी, प्रगति तेकाम, तनुश्री के द्वारा सतरंगी ध्वजा पर शानदार प्रस्तुति दी गई ।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे के एस उरेती एवं नरेंद्र सिंह इरकिरा ने प्रस्तावित विषयों को रखा जिसमें गौड़ समाज को संगठित करने समाज के आर्थिक शैक्षणिक उत्थान के लिए गोंड समाज महासभा निरंतर प्रयत्नशील रहेगा। जिला अध्यक्ष युवा मोर्चा अनरत सिंह ऐडाली ने बताया कि आज हमारे समाज में जो जन जाग्रति फैलाई जा रही है वह देश के महान वीर विरागनाओं की शहादत को याद करते हुए। उनके इतिहास से युवा पीढ़ी को अवगत कराने का कार्य किया जा रहा है जिसमें सभी गोंड सगा समाज का सहयोग मिल रहा है।
पूर्व विधायक प्रताप सिंह एवं जिला पंचायत सदस्य ऋषि लोधी ने भी रानी दुर्गावती के जन्म से लेकर बलिदान तक के इतिहास और उनकी शोर्य गाथा का बखान किया।
