तराई के’द्रोणाचार्य’, दिखा रहे उन्नति की राह

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आर.पी.पी.न्यूज़:महराजगंज

कोटा के एलेन संस्था मे सेवा दे चुके है बेलवा टीकर निवासी सुरेंद्र प्रताप


महराजगंज।जनपद के घुघली क्षेत्र अन्तर्गत बेलवा टीकर निवासी तराई के लाल सुरेंद्र प्रताप अपने भगीरथ प्रयास से तराई के युवाओ का भविष्य सवार रहे है और देश सेवा के लिए मेधावियों की फौज तैयार कर रहे है।पूर्वाचल मे प्रतियोगी परीक्षाओ मे युवाओ की दक्षता को निखार सफलता के शिखर तक पहुचा रहे है।मात्र 70बच्चो को लेकर सफर की शुरुआत करने वाले गुरुकुल पाठशाला के संस्थापक के साथ आज बड़ा कारवां चल रहा है जो सफलता के कीर्तिमान से राष्ट्रीय क्षितिज पर चमक रहा है।
जनपद के घुघली ब्लाक के बेलवा टीकर निवासी गोपाल चौधरी के पुत्र सुरेंद्र प्रताप चौधरी वर्तमान मे युवाओ के आईकन बन गये है।गांव मे पले बढे सुरेंद्र प्रताप का शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर गोरखपुर मे हुई और केमेस्ट्री से स्नातक और परास्नातक दिल्ली यूनिवर्सिटी से हुई।इसके पश्चात गोरखपुर विश्वविद्यालय से बीएड की शिक्षा ग्रहण की।कोटा के प्रसिद्ध एलेन संस्था मे 3साल तक सेवा देने के बाद पूर्वाचल के युवाओ को नजदीक में ही कोटा जैसी बेहतर शिक्षा देने का फैसला लिया।इसके बाद स्टार पीएमटी मे2005से 2012तक युवाओ का मार्गदर्शन करते रहे।साथ ही पिलर्स पब्लिक स्कूल मे2008से2013जीएन पब्लिक स्कूल मे2009से2014तक पार्ट टाइम सेवा देते रहे।इसके बाद वर्ष2014मे गुरुकुल पाठशाला की स्थापना कर फिजिक्स के विशेषज्ञ एसके आर सर के साथ 70बच्चो के साथ सफर की शुरुआत की।पहले साल ही इस संस्था का चौकानें वाला परिणाम आया और 20से अधिक परीक्षार्थियों का नीट मे चयन हुआ।मिठौरा के मोरवन निवासी ज्ञानेंद्र राय व घुघली के पकड़ी विशुनपुर निवासी श्रषिकेश चौधरी का मेडिकल कालेज गोरखपुर,आशुतोष का एम्स व विवेक का बीएचयू जैसे बड़े संस्थान मे चयन हुआ।इसके बाद गुरुकुल प्रतियोगी परीक्षाओ के लिए सुर्खियों में आया और शिक्षको मनोबल बढा तो अभ्यर्थियों का झुकाव गुरुकुल की तरफ हुआ।2015में500छात्र,2016में 1200छात्र2017मे3000छात्र संस्थान से जुड़े और वर्तमान मे कारवां प्रतिदिन बढ रहा है।गुरुकुल की सफलता पर नजर डाले तो यह संस्थान अब तक 600से अधिक इंजिनियर और 500से अधिक डाक्टर दे चुका है।काफी कम समय मे शिखर पर पहुचा गुरुकुल पाठशाला पूर्वाचल का बड़ा फेम बन चुका है।


प्रतिभा की राह मे आर्थिक बोझ की बाधा दूर करने का संकल्प


गुरुकुल पाठशाला के संस्थापक सुरेंद्र प्रताप चौधरी सूरी सर के निकनेम से प्रसिद्ध है।सूरी सर का कहना है कि गुरुकुल पाठशाला की स्थापना का मुख्य उद्देश्य सामान्य परिवार के प्रतिभाशाली युवाओ को नजदीक मे ही बेहतर शिक्षा से पूर्वाचल के युवाओ का भविष्य सवारना है।सुरी सर का कहना है कि गैर प्रान्तो व दूर दराज शहरो में जाने पर क ई तरह की परेशानियों से रुबरू होना पड़ रहा था साथ ही आर्थिक बोझ भी बड़ा रोड़ा साबित हो रहा था ऐसे मे पूर्वाचल की प्रतिभा को निखारने का संकल्प लिया और गोरखपुर मे गुरुकुल पाठशाला से युवाओ का कैरियर सवार रहे है।उन्होने की होनहार व आर्थिक रुप से कमजोर छात्रो के लिए विशेष व्यवस्था की गयी है।धन प्रतिभा के बीच रोड़ा न बने इसके लिए गुरुकुल हर सम्भव प्रयास करता है।

पिता के संघर्षो से मिली शक्ति


गुरुकुल पाठशाला से सफलता के शिखर पर पहुचने वाले सुरेन्द्र प्रताप की परिवारिक पृष्ठभूमि किसान से जुड़ी ही।पिता व्यवसाय की दृष्टि से गोरखपुर पहुचे और मुश्किल हालातो का सामना किया।पढाई मे धन को बाधा नही बनने दिया और हर वक्त प्रोत्साहित करते रहे।सुरेन्द्र प्रताप कहते है कि पिता के संघर्ष ही उन्हे हौसला देते रहे और माता पिता के त्याग से ही इस मुकाम पर पहुचे है।सुरेंद्र प्रताप अपने पिता को आदर्श मानते है और उनके कई कविताए भी लिखी है।परिवार और मातृभूमि से लगाव इस कदर है कि जन्मभूमि बेलवा टीकर में भी गुरुकुल संस्थान स्थापित करने का लक्ष्य है जिससे पलायन रुके और बेहतर शिक्षा युवाओ को उनके घर के नजदीक मिल सके जिससे जनपद शिक्षा के क्षेत्र मे अग्रणी बन सके।

पिता के संघर्षों से मिली शक्ति

गुरुकुल पाठशाला के लिए सबसे बड़ा सम्मान तो उनके अभ्यर्थियों की कामयाबी है लेकिन शिक्षको के अभूतपूर्व योगदान पर सूबे के उप मुख्यमंत्री से लेकर शिक्षामंत्री तक सम्मानित कर चुके है।हर साल देश सेवा के लिए तैयार कर रहे मेधावियों की फौज देख तराई काफी गदगद है।युवाओ के प्रतिभा को प्लेटफार्म मिलते देख सम्मान का सिलसिला भी बढ रहा है।सुरेंद्र प्रताप को उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य,दिल्ली मे जलमंत्री भैरो सिंह शेखावत 2019में बेसिक शिक्षामंत्री सतीश द्विवेदी2021में उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक कैबिनेट मंत्री आशिष पटेल सम्मानित कर चुके है।

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