हरियाणा के पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा के बेटे गौतम शर्मा पर एक कंस्ट्रक्शन कंपनी ने 1.60 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का संगीन आरोप लगाया। कंपनी ने कहा कि गौतम ने कंपनी में जबरन 40% हिस्सेदारी ले ली।
इसकी शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) पहुंची तो तुरंत विजिलेंस जांच के आदेश दे दिए गए। हालांकि इससे पहले ही दोनों पक्षों में समझौता हो गया। वहीं गौतम शर्मा ने कहा कि इस तरह की कोई बात नहीं है। यह सिर्फ पार्टनर्स का आपसी विवाद था।
जिसे सुलझाने के लिए मुझे कहा गया था। गौतम ने कहा कि उनके राजनीतिक परिवार से संबंध होने की वजह से मामले को तूल दिया गया।
मुख्यमंत्री को भेजी थी शिकायत
दरअसल हरदीप सिंह व वेदप्रकाश ने करीब 20 दिन पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि उनकी मारकंडेश्वर कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम से मारकंडा नदी का टेंडर एरिया का केस हरियाणा सरकार में विचाराधीन है।
सन 2018 में उसकी निशानदेही कराई गई, जिसमें एरिया कम पाया गया और इस फर्म में हम 3-4 चार पार्टनर है। इसके बाद गौतम शर्मा ने हमसे बात की और कहा कि मैं आपका काम करवा दूंगा, जिसकी एवज में आपने मुझे उपरोक्त फर्म में 40 प्रतिशत का हिस्सेदार बनाना होगा।
पार्टनरशिप डीड लिखवाई
दोनों ने शिकायत में आरोप लगाया कि गौतम शर्मा ने कहा कि वह इस काम को जल्दी से जल्दी करवा देगा। गौतम शर्मा ने हमसे 1.60 करोड़ नकद ले लिए। वहीं हमारे साथ फर्म में 40 प्रतिशत का पार्टनर बन गया। हमसे एक पार्टनरशिप डीड अपना हिस्सा डलवाकर लिखवा ली।
उन्होंने आरोप लगाया गया कि उपरोक्त गौतम शर्मा ने आज तक न तो हमारा काम करवाया और ना ही हमारी ली हुई, रकम वापस कर रहा है। साथ ही बताया कि राम बिलास शर्मा के संज्ञान में है।
जांच से पहले ही समझौता
इस मामले में शिकायत करने वाले वेदप्रकाश ने दैनिक भास्कर को बताया कि यह मामला कई दिन पुराना है। हमने शिकायत की थी। इसकी जांच भी होने थी। विजिलेंस के DSP को यह जांच दी गई थी। हालांकि 2 दिन पहले हमारा समझौता गया। हमें पैसे भी वापस मिल चुके है। वह अब इस मामले में आगे कुछ कार्रवाई नहीं चाहते।
