योगी सरकार को एक सप्ताह में देना होगा जवाब
आर पी पी न्यूज़, डिजिटल डेस्क लखनऊ: उत्तर प्रदेश। यूपी के सभी जिलों में चल रही पंचायत सहायक/लेखा सह डाटा इंट्री ऑपरेटरों की भर्ती के लिए 25 जुलाई को जारी शासनादेश की वैधता को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। कोर्ट ने याचिका पर सरकारी अधिवक्ता से एक सप्ताह में जानकारी मांगी है। यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने जौनपुर के देवी प्रसाद शुक्ल की याचिका पर दिया है। याचिका में मांग की गई है कि छह हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय पर पिछले 15 साल से समान पद पर कार्यरत 37 हजार ग्राम रोजगार सेवकों को समायोजित किया जाए या पंचायत सहायक भर्ती में आयु सीमा में छूट के साथ कार्य अनुभव को वरीयता देकर चयनित कर नियुक्ति की जाए। याचिका में कहा गया है कि समान पद पर याचियों का कार्य संतोषजनक है । शासनादेश में अनुभव को वरीयता देने की व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसा करना मनमानापूर्ण और शक्ति का दुरुपयोग है। इस भर्ती से याचियों की सेवा की अनिश्चितता बनी रहेगी। नई भर्ती से भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार का रास्ता बनेगा। अनुभवी बाहर कर दिए जाएंगे इसलिए न्यायालय याचियों के हितों की रक्षा के लिए इसमें हस्तक्षेप करे।