आर.पी.पी न्यूज़: निर्भया के दोषियों को एकसाथ फांसी देने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली केंद्र की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 11 फरवरी को सुनवाई करेगा। जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने दोषियों को अलग-अलग फांसी देने के पक्ष में केंद्र सरकार की अर्जी पर फौरन सुनवाई यह कहते हुए टाल दी कि दोषियों को हाईकोर्ट द्वारा तय किए गए सात दिनों की समयसीमा के भीतर कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करने दिया जाए।
पीठ ने केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दोषियों को नोटिस जारी करने के आग्रह को दरकिनार कर कहा, इससे मामले में और देरी होगी। हम इस मामले को 11 फरवरी को सुनेंगे और तब देखेंगे कि क्या दोषियों को नोटिस जारी करने की जरूरत है या नहीं। इससे निराश मेहता ने कहा, इस मामले में देश के सब्र का इम्तिहान लिया जा रहा है। तो वही निर्भया की माँ ने भी कहा की अब मैं भी हिम्मत हार चूंकि हूँ और देश न्याय पालिका से विश्वास अब टूट चुका है,बेटी के हत्यारे अभी तक जिंदा है और कोर्ट भी उन दोषियों के फाँसी के दिन को आगे बढ़ाती जा रही है इससे बड़ा दुःख और क्या हो सकता है।
