महराजगंज: पूरी रात हुई डॉ. विश्वास के कविताओं की बरसात,भीगते रहे दर्शक लुटाते रहे प्यार

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आर.पी. पी.न्यूज़:

जिला संवाददाता नूर मोहम्मद

महराजगंज। जनपद सृजन के उपलक्ष्य मे आयोजित महराजगंज महोत्सव मे हिंदी के प्रचंड विद्वान विश्व प्रसिद्ध कवि डा कुमार विश्वास ने शिरकत किया।महोत्सव के प्रथम दिन रात्रि कालीन कार्यक्रम मे डा कुमार विश्वास के आने की सूचना प्रसारित होने पर जनपद के कोने कोने से प्रशंसक पहुचे और कुमार विश्वास की एक झलक पाने को आतूर रहे।जैसे ही डा विश्वास मंच पर पहुचे जनता का जोश और उमंग मे लबरेज दिखी।
महराजगंज महोत्सव मे पहुचे मशहूर कवि डा कुमार विश्वास ने दीप प्रज्वलित किया और वित्त राज्यमंत्री ने पुष्प गुच्छ देकर अभिनंदन किया।मंच सम्भालते ही कवि कुमार विश्वास ने अनोखे अंदाज मे भाजपा कांग्रेस पर जमकर प्रहार किया।भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आजकल मेरे आगे पीछे भाजपाई इस आस मे घूम रहे कि शायद तह नारियल टूटे मै लपक लू।उन्होने जनपद से जुडा़व पर जिक्र करते हुए कहा की सिसवा मे कोविड सेंटर की स्थापना के दौरान महराजगंज से जुड़ा।भाजपा पर हास्य बोलते हुए कहा कि 20-25प्रदेश मे सरकार बनने के बाद भाजपा का लालच कम नही हो रहा है।कांग्रेस के दो राज्यो मे सरकार पर भी लार टपका रही है।उन्होने कहा आम आदमी पर व्यग्य करते हुए कहा कि अपने वाले पर नही बोलूंगा।राजस्थान की राजनीति पर बोले कि दस विधायक टायलेट चले जाए तो गहलोत डर जाते है कि अमित शाह विधायको को ले तो नही गये।उन्होने युवाओ को लपेटे मे लिया और कहा कि वीडियो मत बनाओ समय उचित नही चल रहा है फस जाओगे न मानो तक मध्य प्रदेश को देख लो।इसके बाद मंच को बाराबंकी के हास्य कवि विकास बखौल ने चुटकुलो और शायरी से दर्शको को गुदगुदाया।वीर रस के कवि प्रख्यात मिश्र ने प्रभु राम की रचनाओ और पुलवामा शहीदो को नमन कर जेएनयू के नारो पर करारा प्रहार किया।वीर रस मे धारा370 का जिक्र और कश्मीर को नर्क बनाने वाले दलो और अलगाववादी नेताओ को जमकर धोया।डा कलाम की तारिफ और बुरहान को धिक्कारा।मंच पर श्रृगार कवियित्री डा सूमन दूबे ने सागर रोया धृती मा ने अपनी कोख सजाई है गीत की लाइनो पर लोगो को झूमने को मजबूर कर दिया।देश के लिए जवान गवाने वाले वीरो के सम्मान कविता की लाइने लोगो में जोश भर दिया।भोजपुरी गीत मत जईहो सवरिया आंख फेर के बोल पर खूब तालियां बटोरी। बीच बीच मे अपने हास्य लाइनो से कुमार विश्वास कवियो व जनता को ठहाको लगाने को विवश करते रहे।कवि रमेश मुस्कान ने केजरीवाल और कुमार विश्वास के रिश्तो पर चुटकी ली।उन्होने कहा विदेश मे कुमार को देखकर लो इनसे देश की भुखमरी का अंदेशा जता देते है।मुस्कान प्रेमी प्रेमिका पर लाइने फेक खुब मनोरजंन किया।एंटी रोमियो टीम पर व बीबी को मुसीबत बताकर खुब हसाया।पुनः डा कुमार विश्वास ने मंच सम्भाला तो कोई दिवाना कहता है कि मांग उठने लगी।कुमार को सुनने बैठे व्याकुल प्रशंसक जोश मे हाथ लहराकर अभिवादन करने लगे।पत्रकारो को लपेटो मे लेते हुए राजनीतिक टिप्पणी पर पहुचे।नेताओ के साथ युवाओ के सेल्फी पर व्यंग्य किया।पुलिस की तारिफ की और उनका सम्मान कर हौसला बढाया।वित्त राजमंत्री पर व्यग्य कसा और कहा पेमेंट जरुर लूंगा भले आप मंत्री है क्योकि मै दूसरे पार्टी से हू।बुल्डोजर बाबा पर भी कविता प्रस्तुत किया।कोई दिवाना कहता है कोई पागल समझता हू,तेरी आंखो की झीलो मे मेरे इश्क के आंसू,तुम्ही पे मरता है दिल अदावत क्यू नही करता,जब मचह ढक लेता हू तेरी जुल्फो की छाव मे कविता की प्रसिद्ध लाइने पर झुमते दर्शक जमकर लुत्फ उठाया।कुमार विश्वास की सुरीले आवाज हंसी ठिठोले व्यग्य के नशे मे दर्शक ऐसे डूबे की रात ऐसे बीती कि पता ही नही चला।देर रात कविता हंसी ठहाके और तालियाओ का दौर चलता रहा।

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