स्वास्थ्य साथी को लेकर बंगाल सरकार की गाइडलाइंस हेल्थ स्कीम को लागू न करने वाले अस्पतालों पर होगी कार्यवाही,

आर पी पी न्यूज-संवादाता शेर मोहम्मद की रिपोर्ट. हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम पर ममता बनाम केंद्र बंगाल सरकार ने अस्पतालों के लिए जरूरी कार्यों यह, पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम स्वास्थ्य साथी का लाभ बंगाल के सभी अस्पतालों याग्निक इस स्कीम को लागू, नहीं करेंगे, उन पर कार्रवाई होगी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले ममता सरकार ने हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम स्वास्थ्य साथी को लेकर शक्ति बढ़ती है, आयुष्मान भारत योजना को लेकर तमाम आरोप झेल रही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी सरकार की ओर से चलाई जा रही हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम स्वास्थ्य साथी को राज्य सरकार के सभी अस्पतालों में लागू करने का सख्त आदेश दिया है,पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम स्वास्थ्य साथी का लाभ बंगाल के सभी अस्पतालों चाहे वह सरकारी हो या प्राइवेट में दिया जा रहा है जो भी अस्पताल या क्लिनिक इस स्कीम को लागू नहीं करेंगे, उन पर क्लिनिकल स्थापना अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी, क्या है स्वास्थ्य की साथी योजना,आयुष्मान भारत योजना को लागू न करके पश्चिम बंगाल सरकार अपने यहां स्वास्थ्य साथी नाम से योजना चलाती है, 1 दिसंबर 2020 को स्वास्थ्य साठी का दायरा बढ़ाया गया था अब प्रत्येक परिवार व्यक्त, बुजुर्ग, बच्चे, महिला, सभी को इसका लाभ देने का फैसला किया पहले राज्य 7.5 करोड़ लोगों के लिए ही योजना लागू थी इस योजना के बारे में बताते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि आयुष्मान भारत के तहत केंद्र सिर्फ 60% धनराशि देता है तो 40% कौन देगा जबकि स्वास्थ्य साठी योजना के तहत 100 फ़ीसदी खर्च राज्य सरकार उठा रही है स्वास्थ्य साठी इस स्कीम को लेकर बीजेपी हमेशा से सवाल उठाती रही है बीजेपी का कहना है कि केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत जैसी फुलप्रूफ योजना ना लागू कर ममता बनर्जी सरकार ऐसी योजना चला रही है, जिससे सिर्फ सत्ताधारी दल से जुड़े गिरोहों को फायदा पहुंच रहा है बीजेपी ने ममता बनर्जी सरकार को नाम बदलने वाली सरकार बताया था,केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को ₹500000 तक मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान भारत नामक स्वास्थ्य बीमा योजना चलाई जा रही है देश के करीब 50 करोड़ लोगों को इस योजना का लाभ देने का लक्ष्य है सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र और राज्य के बीच 60:40 अनुपात में इस योजना के संचालन की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए इसे राज्य में लागू नहीं किया है

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