बहराइच। योगी के सरकार में एक अजीब मामला देखने को मिला है. सरकार जितना अपराध रोकने का प्रयास कर रही है उससे अधिक अपराध बढ़ रहा है. अब अपराधी वन्य जीवों को भी मारने लगें हैं. यूपी बहराइच जिले कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग में किसी ने 50 से अधिक बंदरों को मारकर उनके शव वन चौकी के पास फेंक दिए। इसकी फोटो बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुई। इसके बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया। आननफानन में डीएफओ ने टीम गठित कर मामले की जांच शुरू करवा दी है। इतनी भारी संख्या में वन्यजीव प्रभाग में बंदरों की हत्या और उनका शव वन चौकी के पास फेंका जाना चर्चा का विषय बन गया है।
कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग संरक्षित क्षेत्र है। यहां वन्यजीवों की फोटो लेना भी प्रतिबंधित है। कतर्नियाघाट में सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम हैं और वन विभाग लगातार गश्त का दावा करता है। बावजूद इसके कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के संरक्षित क्षेत्र में किसी ने 50 से अधिक बंदरों को मार कर उनके शव वन चौकी के पास फेंक दिए।
कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के डीएफओ आकाशदीप बधावन ने बयान जारी कर सख्त कार्रवाई की बात कही है। डीएफओ ने बताया कि वायरल फोटो लगभग डेढ़ माह पुरानी होने का दावा किया जा रहा है। इसे मोतीपुर रेंज के वनक्षेत्र के आसपास का होना बताया जा रहा है। इसकी जांच के लिए क्षेत्रीय वनाधिकारी मोतीपुर एसके तिवारी की अध्यक्षता में जांच समिति बनाई गई है। इसमें स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स के जवानों डॉग स्कॉड को भी शामिल किया गया है।
वन विभाग की गश्त पर उठ रहे सवाल
भारी मात्रा में बंदरों को मार कर फेंकने व फोटो वायरल होने के बाद क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म है। स्थानीय निवासी बंदरों को मारने वालों के बजाए वन विभाग के जिम्मेदारों को ज्यादा दोषी मान रहे हैं। वन विभाग की गश्त पर सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में शव फेंके गए फिर भी वन विभाग को कैसे पता नहीं चला। शव पड़े रहने के बाद डेढ़ माह तक कैसे वन विभाग नहीं जान पाया और उन शवों को किसने दफनाया।