आर.पी.पी डिजिटल डेस्क/लखनऊ: गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़ने के बाद उनकी भावी राजनीति पर सबकी नजरें हैं। गुलाम नबी आजाद का राजनीतिक भविष्य जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों पर टिका है। वह राजनीति का जो स्टार्टअप बना रहे हैं, उसमें सियासी निवेश जम्मू-कश्मीर से कितना होता है इस पर उनकी इस स्टार्टअप कामयाबी या नाकामयाबी टिकी है। आजाद अगर कश्मीर में कामयाब हुए तो वह सियासी स्टार्टअप का विस्तार कांग्रेस के समानांतर राष्ट्रीय दल के रूप में करने की कोशिश करेंगे और कांग्रेस के उन नेताओं को नया मंच प्रदान करेंगे, जो कांग्रेस के प्रथम परिवार की रीति नीति से खुश नहीं हैं। और अगर आजाद के स्टार्टअप को जम्मू-कश्मीर की जनता ने माकूल सियासी निवेश नहीं दिया, तो सियासी जोड़-तोड़ करके वे फिर राज्यसभा में आ सकते हैं।