पूरे विश्व मे महामारी का रूप ले चुका कोरोना अब रिश्तों की परतें भी खोलने लगा है। वाराणसी के कोतवाली थाना क्षेत्र की दवा मंडी सप्तसागर के पास का निवासी अशोक केसरी सेंट्रल मुंबई के नागपाड़ा इलाके में एक होटल में काम करता था। लॉकडाउन की घोषणा और संक्रमण के तेजी से प्रसार के बीच 14 दिन पहले ही छह दोस्तों के साथ वाराणसी के लिए निकल गया। जेब में कुछ रुपये लेकर वह सड़क और रेल पटरियों के जरिये 1600 किमी की दूरी पैदल ही तय कर वाराणसी पहुंचा और घर फोन किया। यहां घर पहुंचने पर ना मां ने दरवाजा खोला, ना भाई और भाभी ही ने। जबकि वह जांच के बाद घर पहुंचा था, उसे 14 दिन तक क्वारंटीन का निर्देश मिला था। देर शाम तक दोबारा पुलिस ने बेहाल अशोक को मैदागिन स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। उसकी हालत अब ठीक है, पर थकान से वह बेहाल है।
अशोक 14 दिन पहले ही दोस्तों के साथ निकला था, रविवार सुबह रेल पटरियों के सहारे वह कैंट स्टेशन पर पहुंचा। यहीं से पहले उसने फोन कर घरवालों को जानकारी दी। उसने अपने छह दोस्तों के बारे में भी बताया। वे पं. दीनदयालनगर व रामनगर क्षेत्र के रहने वाले हैं। सात लोगों के मुंबई से यहां आने की सूचना के बाद घर वालों ने मोहल्ले में जानकारी दी। फिर हड़कंप मच गया। उधर, अशोक घर न पहुंचकर मंडलीय अस्पताल पहुंचा। वहां जांच के लिए काफी देर तक भटकता रहा। फिर उसे जानकारी दी गई कि पं. दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल में जांच हो रही है। वहां पहुंच उसने जानकारी दी।