पार्षद अब वार्ड में डेढ़ करोड़ से करा सकेंगे विकास कार्य, महापौर का कोटा 17 से 30 करोड़ हुआ

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लखनऊ। लखनऊ शहर की नई सरकार की पहली कार्यकारिणी बैठक में वार्डों के विकास के लिए पार्षद कोटा बढ़ा दिया गया। अब हर वार्ड के विकास कार्य पर डेढ़ करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पहले यह राशि 1.25 करोड़ रुपये थी। बैठक में महापौर का कोटा 17 करोड़ से बढ़ाकर 30 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसी तरह नगर आयुक्त का कोटा 15 करोड़ से बढ़कर 25 करोड़ रुपये हो गया है। बैठक में प्रस्तावों पर चर्चा से पहले भाजपा के गिरीश गुप्ता को कार्यकारिणी उपाध्यक्ष चुना गया।

10 लाख रुपये तक के विकास कार्यों के टेंडर भी अब मैनुअल कराए जाएंगे। अभी तक 10 लाख से नीचे के कामों के भी ई-टेंडर होते थे। दो साल पहले 3000 सफाई कर्मचारी कम किए गए थे, जिन्हें फिर से लगाने का प्रस्ताव भी कार्यकारिणी ने पास कर दिया है।

कोटा बढ़ने से ज्यादा हो सकेंगे काम
पार्षदों का कोटा 25 लाख रुपये बढ़ने से वार्डों के विकास कार्यों को गति मिलेगी। नाली-खड़ंजा के अलावा पेयजल, साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था, सड़क आदि के ज्यादा काम कराए जा सकेंगे। वहीं महापौर का बजट भी बढ़ाया गया है, जिससे शहर में जरूरत के मुताबिक विकास कार्य कराए जा सकेंगे।

ये प्रस्ताव भी हुए पास
– अब अगस्त तक हाउस टैक्स जमा कर ले सकेंगे छूट का फायदा
– हाउस टैक्स जमा करने पर 10 प्रतिशत की छूट का फायदा अब अगस्त तक उठा सकेंगे। पहले छूट का फायदा 31 जुलाई तक टैक्स जमा करने पर ही पा सकते थे।

ऑटो-टेम्पो के स्टॉपेज पर उप समिति लेगी फैसला
यातायात के सुगम प्रबंधन के लिए डीएम की अध्यक्षता में टेम्पो-टैक्सी एवं ऑटो रिक्शा संयुक्त मोर्चा, लखनऊ के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में 18 मई को बैठक हुई थी। इसमें लिए गए निर्णय के अनुसार नगरीय क्षेत्रों में 45 ठहराव स्थल बनाए जाने हैं। वहीं 27 पिक एंड ड्रॉप स्थल बनाए जाने हैं। अधिशासी अभियंता (ट्रैफिक) के इस प्रस्ताव पर उप समिति बनाने का फैसला हुआ। उप समिति में तीन पार्षद व नगर निगम, यातायात और आरटीओ के एक-एक अधिकारी होंगे।

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