गोरखपुर। गोरखनाथ मंदिर में रविवार को मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने नौ देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा विधि विधान से की। प्राण प्रतिष्ठा का यह अनुष्ठान श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ व श्रीमद्भागवत महापुराण कथा ज्ञानयज्ञ की पूर्णाहुति के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने व्यास पीठ का पूजन किया और आरती उतारी।
गोरखनाथ मंदिर में बने नौ नए मंदिरों में देवी-देवताओं की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा के लिए धार्मिक अनुष्ठान दो चरणों में 8 मई को ही प्रारंभ हो गए थे। प्रथम चरण में श्री शिवमहापुराण की कथा हुई तो दूसरे चरण में 15 मई से श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ व श्रीमद्भागवत महापुराण कथा ज्ञानयज्ञ का आयोजन हुआ। मुख्यमंत्री ने रविवार को श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ की पूर्णाहुति कर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच देव विग्रहों का पूजन करते हुए प्राण प्रतिष्ठा की।
विविध वाद्य यंत्रों और बैंड बाजे पर भक्तिमय धुन के बीच गोरक्षपीठाधीश्वर की ओर से देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का पट अनावरण होने के साथ ही समूचा मंदिर परिसर भक्तिमय जयकारों से गूंज उठा। प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के साथ ही गोरखनाथ मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन में सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा ज्ञानयज्ञ का भी विश्राम हुआ।
इस अवसर पर योगी आदित्यनाथ ने कथा व्यास श्रीधाम वृंदावन से पधारे डॉ. श्याम सुंदर पाराशर का अभिनंदन कर आभार व्यक्त किया। कहा कि कथा व्यास ने श्रीमद्भागवत को समसामायिकता से जोड़कर कथा का मर्म समझाया। उन्होंने मंदिर निर्माण, देव विग्रहों के निर्माण में योगदान देने वाले आर्किटेक्ट, शिल्पकार, राजगीर, मजदूर सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने सभी लोगों से अनुरोध किया कि वे मंदिरों में भी स्वच्छता के प्रति आग्रही बनें। प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में गोरखनाथ मंदिर परिसर में विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।