साइंस डेस्क। करीब 30 किलोमीटर की ऊंचाई से नीचे उतरने और गति को कम करने की पूरी प्रक्रिया के दौरान जो न्यूनतम समय निकलेगा वो 17 मिनट 21 सेकंड होगा। यदि लैंडर को थोड़ा खिसक कर उतरना पड़ा तो अधिकतम समय 17 मिनट 32 सेकंड होगा। इस सॉफ्ट लैंडिंग के आखिरी 17 मिनट 21 सेकंड सबसे अहम होंगे। इन्हें दहशत के 17 मिनट भी कहा जा रहा है। 2019 में चंद्रयान-2 इन्हीं अंतिम क्षणों में अपने लक्ष्य से चूक गया था और चांद पर सुरक्षित लैंडिंग नहीं कर सका था। हालांकि, उससे सबक लेते हुए इस बार चंद्रयान-3 में व्यापक बदलाव किए गए हैं।
इसरो ने शुरू किया चंद्रयान-3 का लाइव प्रसारण
चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग होने से पहले लाइव प्रसारण शुरू हो गया है। वहीं, चंद्रमा पर विक्रम लैंडर की लैंडिंग देखने के लिए दिल्ली में सीएसआईआर मुख्यालय में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह पहुंचे हुए हैं।
अंतरिक्ष अन्वेषण संघ की हो स्थापना: पीएम मोदी
चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग से पहले PM मोदी ने कहा कि हमें ब्रिक्स अंतरिक्ष अन्वेषण संघ की स्थापना के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, “हम पहले से ही ब्रिक्स उपग्रह समूह पर काम कर रहे हैं, लेकिन एक कदम आगे बढ़ने के लिए हमें ब्रिक्स अंतरिक्ष अन्वेषण संघ की स्थापना के बारे में सोचना चाहिए।”