बेटा पढ़ाओ-संस्कार सिखाओ अभियान को लेकर सीएमएस फाउंडेशन की ओऱ से अपने फ्री ऑनलाइन क्लासेस में चलाया गया जागरुकता अभियान

बेटा पढ़ाओ-संस्कार अभियान समाज के लिए एक अनुकरणीय पहल -: विनीता शर्मा

बेटा पढ़ाओ-संस्कार सिखाओ अभियान कोरोना वैश्विक महामारी में भी निभा रहा हैं अपनी अलग-अलग महत्वपूर्ण भूमिका

देश के अलग-अलग राज्यों के करीब 120 से ज्यादा बच्चों ने लिया हिस्सा

आर पी पी न्यूज़- इन्दौर, मध्यप्रदेश: सीएमएस फाउंडेशन द्वारा समय-समय पर बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिये वेबिनार और ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से अनेको ड़ेवलप्मेंट प्रोग्राम संचालित किये जा रहे हैं। सीएमएस टाक्स की डायरेक्टर विनीता शर्मा ने बताया कि वे लोग बच्चों की मैमोरी माइंड पॉवर, पर्सनैलिटी डेवलपमेंट, वेदिक गणित और स्पोकन इंग्लिश के लिये कार्य करते हैं। उनकी टीम के डायरेक्टर्स माया शर्मा, सुनीता मिश्रा , लिली वशिष्ठ, रिड्ज़ डाईम ड़ेर्रेल, अमित शर्मा, और जितेंद्र शर्मा है। ये टीम समाज में जो भी लोग अच्छा कार्य कर रहे है उनकी स्टोरीज लेकर आते हैं और लोगों को उसके द्वारा मोटिवेट करने का प्रयास करते हैं उन्होंने बताया कि जितने भी लोग अच्छा काम कर रहे हैं उनको अपने प्लेटफार्म पर लाकर इंटरव्यू लेते हैं जिससे सभी वर्गो के लोग मोटीवेट होकर देश की प्रगति में हिस्सा लें। सीएमएस टाक्स की पर्सनैलिटी डेवलपमेंट के क्लासेस में इस बार उन्होंने बेटा पढ़ाओ- संस्कार सिखाओ अभियान को लेकर बच्चों के माता-पिता और बच्चों को जागरुक करने के लिए ऑनलाइन बेबिनार का आयोजन किया गया जिसमें वर्तमान परिपेक्ष में अभियान के मह्त्व को भी समझाया गया। सभी लोगों ने इस अभियान की बहुत सराहना की। इस लॉकडाऊन के समय जब सभी बच्चों के माता-पिता परेशान है कि बच्चे बाहर जा कर खेल नही सकते हैं तथा घर मे भी कुछ नया नही कर पा रहे हैं, उस समय इन लोगों ने मिलकर ऑनलाइन क्लासेस के माध्यम से बच्चों को पर्सनैलिटी डेवलपमेंट, स्पोकन इंग्लिश और वैदिक मेथ्स की ट्रेनिंग दी जिसमें देश के अलग-अलग राज्यों के करीब 120 से ज्यादा बच्चों ने हिस्सा लिया और यह लोग उनको फ्री में पढ़ा रहे हैं। इन कक्षाओं में बच्चों को कम्यूनिकेशन और पब्लिक स्पीकिंग सिखायी जाती हैं जो कि आज के जमाने में सबसे जरूरी है कि किस तरह से वह स्टेज पर आकर अपने आप को प्रस्तुत करें और अपनी प्रस्तुति में किन बातों का ध्यान रखें जिससे प्रस्तुति प्रभावी बन सके। जब बच्चे किसी इंटरव्यू में हिस्सा लेते हैं या स्टेज पर जाकर उन्हे कुछ बोलना होता है तो उस समय उनका कॉन्फिडेंस लेवल बहुत जरूरी होता है। निरंतर प्रयास से किस प्रकार कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ाया जा सकता है यह भी ट्रेनिग के दौरान सिखाया जाता है। लिली वशिष्ठ और विनीता शर्मा पर्सनैलिटी डेवलपमेंट की क्लासेस लेती हैं सुनीता मिश्रा, अमित शर्मा और अवि शर्मा वैदिक गणित की क्लासेस लेते हैं। बच्चे और उनके पेरेंट्स बहुत खुश हैं और बच्चे अपने वीडियो बना बना कर उनको धन्यवाद दे रहे हैं। सभी लोगों ने कवि हरीश शर्मा द्वारा आयोजित बेटा पढ़ाओ-संस्कार सिखाओ अभियान को ध्यान में रखते हुए अपने बच्चो को अच्छे संस्कार सिखाने की बात कही व कहा कि बेटा पढ़ाओ-संस्कार सिखाओ अभियान समाज के लिए एक अनुकरणीय पहल हैं जिसकी जमकर प्रशंसा की गई। ऑनलाइन कार्यक्रम के समापन पर सीएमएस टाक्स की डायरेक्टर विनीता शर्मा ने बताया कि बेटा पढ़ाओ-संस्कार सिखाओ अभियान जैसी पहल समाज व देश के लिए अनुकरणीय पहल हैं। इस पहल को लेकर सरकार व देश के समस्त देशवासियों को आगे आना होगा ताकि समाज व देश में फेल रही गलत कुरूतियों पर अंकुश लगाया जा सकें। याद रहें बेटी को तभी बचा पाएंगे और पढ़ा पाएंगे जब बेटे शिक्षित के साथ-साथ संस्कारित होंगे। बहिन-बेटियों के प्रति उनकी गलत मानसिकता को बदलना होगा। बेटियों के महत्व के बारे बेटों को समझाना होगा अगर ऐसा होता हैं तो आने वाले समय में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे अभियान चलाने की आवश्यकता नही होगी।
अंत में शर्मा ने बताया कि इस कोरोना वैश्विक महामारी के दौर में बेटा पढ़ाओ-संस्कार सिखाओ अभियान की ओर से निःस्वार्थ भाव से जो सेवा कार्य किये जा रहे हैं वह अत्यंत सराहनीय हैं। इस कोरोना वैश्विक महामारी के दौर में इस अभियान व अभियान टीम सदस्यों के द्वारा अलग-अलग सेवा कार्य किये गए थे जिसमें हर एक जरूरतमंद तक भोजन,राशन वितरण तो वही दूसरी ओर कोरोना वॉरियर्स पुलिस प्रशासन व डॉक्टर डिपार्टमेंट व सरकारी दफ्तरों में चाय-छाछ-नाश्ते के साथ-साथ इम्युनिटी बढ़ाने वाली होम्योपैथिक दवा,काढ़े,व मास्क वितरण एवं अनेकों पेड़ पौधे लगाने के अलावा अनेकों प्रकार के सेवा कार्य किये गए। जो अत्यंत सराहनीय हैं।

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