दहशत में परिवार, उक्त दारोगा को बर्खास्त करने की मांग
जब एक पूर्व जिला पंचायत सदस्य व सपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता पुत्र के साथ पुलिस ने किया अमानवीय उत्पीड़न तो आम जनमानस का क्या होगा ?
आर पी पी न्यूज़-महराजगंज: जनपद के परतावल चौकी इंचार्ज अंकित सिंह ने 13 फरवरी को झगड़े के एक कथित मामले में परतावल क्षेत्र के पूर्व जिलापंचायत सदस्य फखरुद्दीन अली अहमद के बेटे शाह फैसल को परतावल स्थित दुकान से बुलवाकर ज़बरदस्ती झगड़े के मामले में फंसाने की कोशिश की और 50 हज़ार रुपये रिश्वत का मुतालबा किया न देने पर देख लेने तथा मुकदमा में फंसाने की धमकी भी दी, 3 दिन तक थाने में बैठा कर बुरी तरह मारा पीटा थर्ड डिग्री टार्चर कर फैसल को अधमरा कर दिया, काफी मिन्नत समाजत के बाद फसल को थाने से छोड़ा गया और सीओ सदर को जांच सौंपी गई, जॉच में उन्होंने भी लीपा पोती करते हुए फैसल को ही दोषी माना। इधर फैसल के पिता पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने सी एम ओ महराजगंज की अनुमति के बाद अपने बेटे का मेडिकल भी कराया जिसमें मारने पीटने की पुष्टि भी हुई, परन्तु इस सबको दर किनार कर चौकी इंचार्ज साहब का एक बाल भी बांका न हुआ और वह चौकी पर जमे रहे,

परन्तु कल जब एक वरिष्ठ आई पी एस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने इस मामले पर ट्वीट कर फैसल के इंसाफ की बात कही तो देर रात पुलिस कप्तान महराजगंज प्रदीप गुप्ता ने चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर कर दिया, परन्तु प्रश्न यह उठता है कि क्या निर्दोष शाह फैसल को इससे न्याय मिल गया, फैसल को 3 दिन तक बुरी तरह मारा पीटा गया, टार्चर किया गया,जिससे पूरा परिवार सदमे में रहा उसकी भरपाई कौन करेगा, उसके पिता को अपमानित किया गया जिससे समाज में उन की छवि धूमिल हुई, एक निर्दोष व्यक्ति से 50 हज़ार की रिश्वत मांगी गई, क्या यह जुर्म नही है ? क्षेत्र के लोगों का कहना है कि लाइन हाजिरी काफी नही है,फैसल के साथ न्याय जब होगा कि चौकी इंचार्ज अंकित सिंह को नौकरी से बर्खास्त कर उनके विरुद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाला जाए। इससे ऐसे पुलिस कर्मियों को सबक मिलेगा जो मामूली बातों पर निर्दोष को गिरफ्तार कर टार्चर करते हैं और रिश्वत की डिमांड करते हैं न देने पर फर्जी मुकदमा में फंसाने की धमकी देते हैं।

इधर निर्दोष फैसल के पिता फखरुद्दीन अली अहमद ने वरिष्ठ आई पी एस अमिताभ ठाकुर जी का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि उनके एक ट्वीट से उन्हें अब न्याय मिलने की आशा बंध गईं है, ऐसे न्याय प्रिय अधिकारियों के चलते आज भी लोग न्याय की आशा रखते हैं उन्हों ने न्याय के लिए आवाज़ उठा कर हम लोगो का हौसला बढ़ाया है उन्हें दिल की गहराई से सलाम।