आर पी पी न्यूज़-उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण एवं हज़ वक्फ मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने प्रदेश भर के मदरसों में सेकेन्ड्री, सीनियर सेकेंड्री कामिल एवं फ़ाज़िल की कक्षाओं में भौतिक रूप से पठन पाठन कुछ शर्तों के साथ 19 अक्टूबर 2020 से शुरू करने का दिया आदेश जारी किया।
नंदी ने बताया कि मदरसा दो पालियों में संचालित किया जाए। प्रथम पाली में सेकेण्ड्री व फ़ाज़िल के विद्यार्थियों तथा द्वितीय पाली में सीनियर सेकेंडरी व कामिल के विद्यार्थियों को पठन-पाठन हेतु बुलाया जाय। एक दिन में प्रत्येक कक्षा के अधिकतम 50 प्रतिशत तक विद्यार्थियों को ही बुलाया जाए। अवशेष 50 प्रतिशत विद्यार्थियों को अगले दिन बुलाया जाय। विद्यार्थियों को उनके माता-पिता/अभिभावकों की लिखित सहमति के उपरांत ही पठन-पाठन हेतु बुलाया जाय। विद्यालय में उपस्थिति हेतु लचीला रूख अपनाया जाए तथा किसी विद्यार्थी को विद्यालय आने के लिए बाध्य न किया जाय। कोविड-19 के फैलाव तथा उससे बचाव के उपायों से समस्त विद्यार्थियों को जागरूक किया जाय।
नंदी ने मदरसों में पढ़ाई पुनः प्रारम्भ करने के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि मदरसों में सेनिटाइजर, हैंडवाश, थर्मल स्क्रीनिंग एवं प्राथमिक उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। यदि किसी विद्यार्थी या शिक्षक या अन्य कार्मिक को खांसी जुकाम या बुखार के लक्षण हो तो उन्हें प्राथमिक उपचार देते हुए घर वापस भेज दिया जाए।
उन्होंने बताया कि सभी शिक्षकों, विद्यार्थियों तथा मदरसे के अन्य कर्मचारियों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। मदरसा प्रबंधन द्वारा अतिरिक्त मात्रा में मास्क उपलब्ध रखे जाय। विद्यार्थियों को 06 फीट की दूरी पर बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। ऑनलाइन पठन-पाठन की व्यवस्था यथावत जारी रखी जाए तथा इसे प्रोत्साहित किया जाए, जिन विद्यार्थियों के पास ऑनलाइन पठन-पाठन की सुविधा उपलब्ध नहीं है उन्हें प्राथमिकता के आधार पर मदरसे में बुलाया जाये यदि कोई विद्यार्थी ऑनलाइन अध्ययन करना चाहता है तो उसे सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए।
मंत्री ने बताया कि विद्यार्थियों को हैंडवॉश/हैंड सेनेटाइज कराने के पश्चात ही मदरसे में प्रवेश करने दिया जाए। मदरसे में प्रवेश के समय तथा छुट्टी के समय मुख्य द्वार पर सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए तथा एक साथ सभी विद्यार्थियों की छुट्टी न की जाए। मदरसे में यदि एक से अधिक प्रवेश द्वार है तो उनका उपयोग सुनिश्चित किया जाए। यदि विद्यार्थी स्कूल बसों अथवा मदरसे से संबद्ध सार्वजनिक सेवा वाहन से मदरसे में आते हैं तो उन्हें प्रतिदिन सेनेटाईज ने कराया जाए तथा बैठने की व्यवस्था में सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए।